कैमूर जिले के दुर्गावती प्रखंड के जेवरी गांव में पैदा हुए गोपाल सिंह यादव अब अपने इलाके का एक जाना-माना नाम हैं. छोटे पर्दे की नामी-गिरामी सीरियल "जोधा अकबर" में बीरबल का किरदार निभाया तो बड़े पर्दे पर भी सुनहरा अवसर मिलने लगा। हिंदी मूवी कंपनी और ट्रैफिक सिग्नल जैसी तमाम फिल्मों में अभिनय कर चुके गोपाल को वेब सीरीज चिड़िया उड़ के अलावा मधुर भंडारकर की फिल्म इंडिया लॉकडाउन और बुद्धा इन ए ट्रेफिक जाम जल्द रिलीज होने वाली है। गोपाल सिंह यादव ने बताया कि गांव में तीसरी कक्षा तक किसी की पढ़ाई करने के बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए पिता के साथ छत्तीसगढ़ चला गया। वहां से इंटरमीडिएट किया फिर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने दिल्ली चला गया। खैर, अभिनेता बनने की ललक बचपन से ही थी। लिहाजा मैंने साहित्य कला परिषद दिल्ली में अभिनय का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद 2002 में मुंबई चला गया और 15 दिनों के भीतर डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा की फिल्म कंपनी में अजय देवगन के साथ काम करने का मौका मिला। गैंगावर में दाऊद को मारने की जिम्मेदारी मुझे दी गई थी क्योंकि मेरा भी गैंग चलता था। इसी तरह ट्रैफिक सिग्नल में मेरा रोल फर्जी भिखारी बनकर पैसा कमाना और मौज मस्ती करना था। यह फिल्म मुंबई के भिखारियों पर आधारित है।'

गोपाल बताते है कि बीते कई वर्षों से बालीवुड में सक्रिय हैं और उनके लिए यहां तक का सफर आसान नहीं रहा। छोटे से गांव से निकलकर वो बड़े पर्दे तक कैसे पहुंचे यह आसन नहीं था।
'मैं अपने क्षेत्र का इकलौता इंसान हूं, जो फिल्म इंडस्ट्री में है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मेरे लिए कुछ भी आसान नहीं था।
 मैंने अपना सारा ध्यान एक्टिंग की तरफ लगा दिया और जल्द गांव से शहर आ गया। मैं शहर पहुंचा तो यहां की दुनिया मेरे लिए एकदम अलग थी। यकीन मानिए अंग्रेजी तो छोड़िए मुझे अच्छे से हिन्दी बोलने तक नहीं आती थी। मैंने अपने अंदर कमतरी का भाव नहीं आने दिया और खुद को पूरी तरह से अपने काम में लगा दिया। लेकिन साहित्य कला परिषद ने मुझे निखारने का काम किया। फिर जैसा कि हर एक एक्टर करता है मैंने मुंबई की तरफ रुख किया, और अपनी एक्टिंग के बदौलत फिल्मों में जगह बनाई।